भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव पर विगत 2007 में एक कार्यशिविर जिसमें जाने माने सर्...
भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के सुझाव पर विगत 2007 में एक कार्यशिविर जिसमें जाने माने सर्प विज्ञानी इकट्ठा हुए थे के सहयोग से एक 'सर्पदंश चिकित्सा प्रबन्ध प्रोटोकाल' को अंतिम रूप दिया था जो फाईलों में दबा रहा है- उसी के एक महत्वपूर्ण अंश को यहाँ सर्प संसार के पाठकों के सामने लाये हैं विज्ञान लेखक और ब्लॉगर अभिषेक मिश्र।
सर्पदंश चिकित्सा प्रबन्ध प्रोटोकाल: Snake bite? Don't Panic, Just Do it R.I.G.H.T.’
भारत के लिए सुझाई विधि को इस सूत्र द्वारा अभिव्यक्त किया गया है– ‘Do it R.I.G.H.T.’
भारत के लिए सुझाई विधि को इस सूत्र द्वारा अभिव्यक्त किया गया है– ‘Do it R.I.G.H.T.’
जहाँ R= Reassure the patient यानि पीड़ित को आश्वस्त करना।
(लगभग 70 % सर्पदंश की घटनाएँ गैर जहरीले साँपों द्वारा ही होती हैं, और जहरीले साँपों के काटने से भी प्राणघातक घटनाएं लगभग 50 % ही होती हैं।)
I= Immobilize in the same way as a fractured limb यानि प्रभावित अंग में गतिशीलता न आने देना। और उसे वैसा ही स्थिर बनाएं रखने के लिए उपाय करना जैसा फ्रैक्चर होने पर पट्टी बाँध कर करते हैं -यानि बांस की फलटी आदि से काटे हिस्से को सपोर्ट कर स्थिर कर देना
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अक्सर बदहवासी और भागदौड़ की वजह से साँप का जहर तीव्रता से शरीर में फैल प्राणघातक बन जाता है, प्रभावित अंग की गतिशीलता को कम कर जहर के प्रसार की गति नियंत्रित कर प्राणों के लिए बहुमूल्य समय बचाया जा सकता है।
GH= Get to Hospital Immediately यानि तुरंत अस्पताल ले जाना
सर्पदंश से बचाव की परंपरिक विधियाँ जैसे ओझा सोखा ,खरबिरैया या जड़ी बूटी इस दिशा में ज्यादा प्रभावी नहीं पाईं गई हैं। इसलिए इन निरर्थक प्रक्रियाओं में विलंब न कर तत्काल अस्पताल ले जाना ही उचित है।
T= Tell the doctor of any systemic symptoms यानि डौक्टर को वो सारे क्रमिक लक्षण बताना जो उस तक लाने से पूर्व पीड़ित में देखे गए हैं।
यहाँ उल्लेखनीय है कि यदि काटने वाला साँप मारा गया हो तो उसे भी सटीक पहचान व तदनुकूल निर्णय के लिए अस्पताल ले जाया जाना उचित है। मगर साँप को मारने या पकड़ने में समय गँवाने का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए, वरना यह समय की बर्बादी के अलावे मरने वालों की की संख्या बढ़ा भी सकता है।
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लेखक परिचय:
अभिषेक मिश्र युवा एवं उत्साही लेखक हैं तथा 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' के सक्रिय सदस्य के रूप में जाने जाते हैं।
आप 2008 से ब्लॉग जगत में सक्रिय हैं। आपका ब्लॉग 'धरोहर' हिन्दी ब्लॉग जगत में काफी चर्चित रहा है। अभिषेक मिश्र युवा एवं उत्साही लेखक हैं तथा 'साइंस ब्लॉगर्स असोसिएशन' के सक्रिय सदस्य के रूप में जाने जाते हैं।
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