कुछ लोगों का मानना है कि साँपों की आंखें बहुत तेज होती हैं और वे उल्लू की तरह रात में भी देख सकते हैं। जबकि यह बात सही नहीं है। हाँ कुछ...
कुछ लोगों का मानना है कि साँपों की आंखें बहुत तेज होती हैं और वे उल्लू की तरह रात में भी देख सकते हैं। जबकि यह बात सही नहीं है। हाँ कुछ सांपों के शरीर में एक ऐसी विशेषता पाई जाती है, जिससे वे 1 मीटर तक की दूरी में आने वाले जीव को आसानी से पहचान लेते हैं।
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यह झिल्ली विभिन्न जीवों के शरीर से निकलने वाली गर्मी, जोकि इन्फ्रारेड विकिरण (Infrared Radiation) के रूप में होती है, को बहुत आसानी से पहचान लेती है। हालांकि इस झिल्ली को ऊष्मा के स्रोत (Source of Heat) को महसूस करने में आँखों से कोई मदद नहीं मिलती है, बावजूद इसके यह उस स्रोत का एक ‘ऊष्मा प्रतिबिम्ब’ (Heat Image) बना लेती है। इससे सांप अपने पास मौजूद जीव के आकार का लगभग सही-सही अंदाजा लगा लेता है और उसके प्रति सतर्क हो जाता है।
वैज्ञानिकों के अनुसार जब ऊष्मा का कोई स्रोत सांप के पास पहुंचता है, तो उसकी गर्मी से सांप के पिट आर्गन की झिल्ली गर्म हो जाती है। इससे झिल्ली में एक आयन मार्ग खुल जाता है, जिसकी वजह से तंत्रिकाओं में आयन का प्रवाह प्रारम्भ हो जाता है। इससे विद्युत संकेत उत्पन्न होने लगते है, जिससे सांप सामने उपस्थित जीव की आकृति पहचान लेता है।
इसीलिए कहा जाता है कि सांप अंधेरे में भी देख लेता है। अपनी इसी क्षमता के कारण न सिर्फ सांप अपने शत्रुओं से अपनी रक्षा करने में सफल रहता है, वरन उसे शिकार करने में भी काफी मदद मिलती है।
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