साँप का नाम सुनकर बड़े-बड़ों की नानी याद आ जाती है, फिर जब वह साँप खतरनाम वाइपर हो, तो? पी0एन0 सुब्रमण्यम जी के घर जब एक खतरनाक वाइपर द...
साँप का नाम सुनकर बड़े-बड़ों की नानी याद आ जाती है, फिर जब वह साँप खतरनाम वाइपर हो, तो? पी0एन0 सुब्रमण्यम जी के घर जब एक खतरनाक वाइपर दिखा, तो आप सोच सकते हैं कि उन्होंने क्या किया होगा? उन्हीं की कलम सी लिखी वाइपर से मुठभेड़ की दास्तान उन्हीं के भेजे हुए चित्रों के साथ। भोपाल से वाईपर की यह पहली प्रामाणिक रिपोर्ट मिली है. यह एक बेहद खतरनाक और बड़े विषदंतों वाला जहरीला साँप है...
हम एक पोस्ट बना ही रहे थे "हमारे अंगने में" और उसे भविष्य में प्रकाशित होने के लिए सेव करने ही वाले थे. रात १०.३० बजे जब घर के दरवाज़े को बंद करना था तो हमारे सुपुत्र ने देखा कि एक सांप घर के खुले दरवाज़े और दीवार के बीच बैठा हुआ है. वह जोर से चिल्लाया. हम दौड़े दौड़े नीचे उतरे. हमने उसे शांत किया और कहा जा केमरा ले आ. उसने भी खीजते हुए कहा यहाँ घर में सांप घुसा हुआ है और आपको फोटो की पड़ी है. हमने दो चार फोटो उतारे. वह गरीब भीगी बिल्ली की तरह चुप चाप पड़ा रहा.
प्रथम दृष्टया हमें वह खतरनाक वाइपर लगा. बीच बीच में अपनी जीभ लपलपाकर मुह चिढ़ा रहा था मानो कह रहा हो कि तुम्हारे अंगने को तो पार कर बैठक तक पहुच गया हूँ. तुम्हीं ने तो कहा था कि एक शार्क चाहिए, हम तो उसके बाप हैं. बहुत बारीकी से देखने पर हमें उसका सर वाइपर जैसा नहीं लगा. हमने तो ठान लिया था कि यह एक निरापद अजगर का बच्चा है और इसे पकड़ कर झोले में भर लेते हैं. तभी एक विचार आया कि हमेशा हमें अजगर और वाइपर को समझ पाने में परेशानी होती रही है. कहीं यह वाइपर ही हुआ तो?
प्रथम दृष्टया हमें वह खतरनाक वाइपर लगा. बीच बीच में अपनी जीभ लपलपाकर मुह चिढ़ा रहा था मानो कह रहा हो कि तुम्हारे अंगने को तो पार कर बैठक तक पहुच गया हूँ. तुम्हीं ने तो कहा था कि एक शार्क चाहिए, हम तो उसके बाप हैं. बहुत बारीकी से देखने पर हमें उसका सर वाइपर जैसा नहीं लगा. हमने तो ठान लिया था कि यह एक निरापद अजगर का बच्चा है और इसे पकड़ कर झोले में भर लेते हैं. तभी एक विचार आया कि हमेशा हमें अजगर और वाइपर को समझ पाने में परेशानी होती रही है. कहीं यह वाइपर ही हुआ तो?
इस बीच आस पड़ोस के लोग भी इकठ्ठा हो गए. कुछ युवा डंडे लिए हुए थे. उन्होंने कमान अपने हाथ ले ली. हम ने आग्रह किया कि इस शरणागत को सुरक्षित निकलने का मौका दें. आम सहमती बनी कि किसी सांप पकड़ने वाले को बुला लिया जाए. वैसे भी आजकल कई लोगों ने इस तरह घरों में घुस आने वाले सांपों को पकड़ने का व्यवसाय बना लिया है. लोगों ने मोबाइल द्वारा किसी एक मुन्ना बाबा को बुलवा लिया.
आधे घंटे में कह कर दो या ढाई घंटे बाद मुन्ना बाबा का पदार्पण हुआ. उसने देखते ही कह दिया, यह तो खतरनाक वाइपर ही है. हम हाथ नहीं लगायेंगे. जहर की पिचकारी चलाता है. ढक्कन वाले किसी बड़े डब्बे की मांग की और मजबूरन हमें अपने आटे वाले डब्बे को खाली कर देना पड़ा. मजे की बात यह रही कि वाइपर को वाइपर (जमीन में पोछा लगाने वाला) से ही डब्बे के अन्दर जाने के लिए उकसाया गया.
वह निरीह शामत आ गयी समझ कर अन्दर की तरफ बढ़ने लगा. उसके सामने जब रुकावट रक्खा गया तो हार कर डब्बे में चला गया और ढक्कन बंद. सबने राहत की सांस ली. एक सज्जन हमारी जानकारी के बिना ही इनाम बतौर 300 रुपये मुन्ना बाबा को दे दिए परन्तु इतने से वह संतुष्ट न हुआ. एक महिला ने हमसे 200 रुपये देने को कहा और हम झट मान भी गए. मुन्ना बाबा संतुष्ट हुए और उन्होंने अपने द्वारा पकडे गए एक दूसरे नाग को डब्बे से बाहर निकाल लोगों पर अपनी धाक जमा ली.
आधे घंटे में कह कर दो या ढाई घंटे बाद मुन्ना बाबा का पदार्पण हुआ. उसने देखते ही कह दिया, यह तो खतरनाक वाइपर ही है. हम हाथ नहीं लगायेंगे. जहर की पिचकारी चलाता है. ढक्कन वाले किसी बड़े डब्बे की मांग की और मजबूरन हमें अपने आटे वाले डब्बे को खाली कर देना पड़ा. मजे की बात यह रही कि वाइपर को वाइपर (जमीन में पोछा लगाने वाला) से ही डब्बे के अन्दर जाने के लिए उकसाया गया.
वह निरीह शामत आ गयी समझ कर अन्दर की तरफ बढ़ने लगा. उसके सामने जब रुकावट रक्खा गया तो हार कर डब्बे में चला गया और ढक्कन बंद. सबने राहत की सांस ली. एक सज्जन हमारी जानकारी के बिना ही इनाम बतौर 300 रुपये मुन्ना बाबा को दे दिए परन्तु इतने से वह संतुष्ट न हुआ. एक महिला ने हमसे 200 रुपये देने को कहा और हम झट मान भी गए. मुन्ना बाबा संतुष्ट हुए और उन्होंने अपने द्वारा पकडे गए एक दूसरे नाग को डब्बे से बाहर निकाल लोगों पर अपनी धाक जमा ली.
मुन्ना बाबा का कहना था कि वे पकडे गए सांपों को जंगल में ले जाकर छोड़ देते हैं. हमें लगा कि भले ही 500 रुपये लग गए, कम से कम उस निरीह प्राणी की जान तो बच गयी. परन्तु देर रात तक नींद नहीं आई. कहीं मुन्ना बाबा पकडे गए सांपों से जहर उगलवाने का काम तो नहीं करता? बाज़ार में एक ग्राम जहर की कीमत हज़ारों रुपये है.
(आज 21 अगस्त को हमने डा. अरविन्द मिश्र जी को खींची हुई तस्वीर भेज दी थी और उन्होंने भी पुष्टि कर दी कि यह महाभुजंग वाइपर ही है.)
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