सर्प दंश से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है ....सर्प दंश से किसी भी मौत की खबर से मैं विचलित हो उठता हूँ और मुझे यह मेरी व्यक्तिगत हानि ...
सर्प दंश से मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है ....सर्प दंश से किसी भी मौत की खबर से मैं विचलित हो उठता हूँ और मुझे यह मेरी व्यक्तिगत हानि सी लगती है ...ऐसा क्यूं है यह जिक्र कहीं और हुआ है मगर यहाँ कभी फिर...काल रात ही सर्प दंश से जुड़े मामलों पर इस सीजन में मुझे की जाने वाली अनेक एस ओ एस काल में एक ऐसी ही काल आई और मैं विचलित हो गया -काल 09871514875 आई थी ..उधर की आवाज इतनी घबराई थी कि मैं उससे नाम पता भी नहीं पूछ पाया -यह जरूर लगा कि भारतीय भुजंग के समय से मुझे वे फोन करते रहे हैं और यदा कदा साँपों से जुडी जानकारी भी लेते रहे हैं ..कल जो वाकया उन्होंने बताया वह दिल दहलाने वाला था -एक किसान शाम को धान के खेत में बेहन लगाने गए और जब देर रात तक घर नहीं पहुंचे तो घर वाले ढूँढने निकले -रास्ते में उनकी लाश मिली ..मुंह से झाग निकल रहा था ...वहां से आधा किलोमीटर दूर खेत पर गिरी सायकिल और कुदाल आदि मिली ...मैंने फोन करने वाले सज्जन से बहुत देर बात चीत किया ..मैंने उन्हें रात में एक बार फिर फोन मिलाया और एक एक डिटेल ली ...
निष्कर्ष यह रहा कि यह कोबरा का भरपूर दंश था और किसान को जो नहीं करना चाहिए था उन्होंने वही किया.. दौड़ पड़ा घर पर सूचना देने ..दौड़ने से रक्त प्रवाह तेज हुआ और विष जो धीरे धीरे असर करता तेजी से चारो ओर -नाजुक अंगों तक जा पहुंचा और दहशत तथा मस्तिष्क -घातक विष के मिले जुले प्रभाव में बिचारे ने दम तोड़ दिया ...कोबरा का जहर तंत्रिका विषाक्तता लिए होता है ..शरीर पंगु हो जाता है फेफड़े बेकार हो जाते हैं लकवा ग्रस्त हो मरीज मौत के मुंह में पहुँच जाता है -वैसे तो ये प्रक्रिया उतनी तेज नहीं होती, सामान्य कोबरा दंश में 5-6 घंटे तो लग ही जाते हैं मौत में मगर उस किसान ने भाग कर यह सारी प्रक्रिया मिनटों में पूरी कर दी होगी ...मैं एक बार फिर आहत हुआ .सर्प दंश से एक और ह्यूमन लाईफ जा चुकी थी -अज्ञानता/ जानकारी के अभाव में !
हम बार बार उन्ही बातों को दुहराते रहते हैं कि सर्प दंश से कैसे निपटें ....मगर फिर भी हम अपनी बात देश की बहुसंख्यक अल्प शिक्षित जनता तक नहीं पहुंचा पा रहे और हर वर्ष सर्प दंश से आज भी हजारों मौतें भारत में हो रही हैं. किन्ही जनपदों में तो रोड दुर्घटनाओं से भी अधिक लोग सर्प दंश से मारे जा रहे हैं .यहाँ सर्प दंश चिकत्सा का एक विस्तृत प्रोटोकोल दिया है मगर यह अंगरेजी में है. हम समय समय पर हिन्दी में इस ब्लॉग पर और भारतीय भुजंग पर निर्देशों को दुहराते रहे हैं .और यह सिलसिला जारी भी रहेगा .
दुनियां में भारत ही अब एक ऐसा देश रह गया है जहाँ सर्प दंश से सबसे अधिक मौते होती हैं .यहाँ प्रत्येक वर्ष 2.50 लाख से अधिक लोगों को सांप काटते हैं जिनमें ५० हजार लोग मरते हैं -यह आंकड़ा विश्व स्वास्थ्य संगठन का है . बीते वर्षों विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहल पर पहली बार एक राष्ट्रीय सर्पदंश प्रबंध प्रोटोकाल तैयार हुआ था मगर शायद वह अब स्वास्थ्य मंत्रालय की पोटली में कुण्डली मारकर बैठ गया है किसी कुशल सपेरे की तलाश में :)हालाँकि एक प्रवक्ता का कहना है कि कथित प्रोटोकाल राज्य सरकारों को राष्ट्रीय ग्राम्य स्वास्थ्य मिशन में लागू करने को को भेज दिया गया है ...पर वह दिखता तो नहीं है ..और न ही प्राथमिक चिकत्सालयों पर डाक्टर सर्पदंश को अमूमन कुशलता के साथ संभाल पाने में सक्षम ही दिखते हैं ...ऐसे में निजी तौर पर सांप कटने पर की जाने वाली सावधानियों और उपायों की जानकारी बेहद जरूरी है ..मामला आदमी की जन से जुडा है जो अनमोल है !
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